प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर एक एफपीओ का गठन हो : मुख्यमंत्री

> मुख्यमंत्री के समक्ष उ प्र कृषक उत्पादक संगठन नीति - 2020 का प्रस्तुतीकरण।


> कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ एफपीओ को जोड़ते हुए इन संस्थाओं को नॉलेज पार्टनर बनाया जाए : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री ने कृषक उत्पादक संगठन नीति का समग्रता से परीक्षण करते हुए शीघ्र प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए।



कृषक हितों के संरक्षण के प्रति सतत प्रयत्नशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 28 अगस्त 2020 को कृषि विभाग द्वारा उ प्र कृषक उत्पादन संगठन नीति - 2020 के संबंध में एक प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए। (फोटो : मुख्यमंत्री सूचना परिसर)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष शुक्रवार 28 अगस्त 2020 को यहां उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति - 2020 का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाए। यह प्रयास किया जाए कि प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर एक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन हो। उन्होंने कहा कि एफपीओ के अधिकाधिक गठन से कृषि क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण और किसानों के कल्याण व प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ एफपीओ को जोड़ते हुए इन संस्थाओं को नॉलेज पार्टनर बनाया जाए। इनके परस्पर समन्वय से बेहतर परिणाम निकलेंगे। उन्होंने इस अवसर पर एमएसएमई, ओडीओपी, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, डेयरी उद्योग आदि से भी कृषक उत्पादक संगठनों से जोड़ते इन क्षेत्रों को और सुदृढ़ किये जाने की रणनीति बनाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों के गठन उनके क्रिया - कलापों की समीक्षा करते हुए इस सम्बन्ध में आ रही चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कृषि व आर्थिक उन्नति में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषकों को कम लागत में कृषि निवेशों की व्यवस्था, नवीनतम तकनीक अपनाकर उच्च उत्पादन, बेहतर मूल्य प्राप्त करने हेतु समुचित विपणन व्यवस्था तथा कृषकों की आय में वृद्धि करने में उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति कारगर होगी। इस नीति से एफपीओ को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उत्पादों के विपणन में आ रही बाधाओं का समुचित निदान हो सकेगा। साथ ही, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के उत्पादों का भण्डारण, प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन कर बेहतर कीमत दिलायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों को आर्थिक और तकनीकी रूप से समक्ष बनाते हुए व्यावसायिक गतिविधियों को सुचारू रूप से सम्पादित किया जा सकता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति - 2020 का प्रस्तुतीकरण करते हुए कृषक उत्पादक संगठनों के गठन तथा विकास की प्रक्रिया, उनके संचालन सहित प्रबन्धन एवं गवर्नेस सपोर्ट के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस नीति से कृषक उत्पादक संगठन बेहतर ढंग से संचालित हो सकेंगे और यह ग्रामीण समृद्धि का आधार बनेंगे। मुख्यमंत्री जी ने इस नीति का समग्रता से परीक्षण करते हुए शीघ्र प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल, प्रमुख सचिव उद्यान बी एल मीना, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


Popular posts from this blog

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा