पुलों, आरओबी व फ्लाई ओवरों के निर्माण कार्य में धनाभाव नहीं होने दिया जायेगा, कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये : केशव प्रसाद मौर्य

> उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सेतु निगम के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।


> जहां निर्माण कार्य चल रहें हों, वहां बैरीकेडिंग व लाईटिंग के साथ लोगों के आवागमन के लिये सर्विस रोड जरूर बनाई जाए।


> फ्लाई ओवरों के निर्माण में व्यू कटर जरूर लगाए जाएं।


> पुलों का निरीक्षण कर लिया जाए और ज्वाइन्ट प्वाइन्टों पर जहां झटके लगते हैं, वहां विशिष्ट प्रकार के व उच्च क्वालिटी के एक्सपेन्शन ज्वान्ट लगाए जाएं।


> सेतु निगम लोक निर्माण विभाग की तरह टोल फ्री नम्बर व व्हाट्सअप नम्बर जारी करे, जिसपर जनता की शिकायतें व सुझाव लिये जा सकें।


> लोक निर्माण विभाग की तरह सेतु निगम भी 40 लाख रुपए तक के ठेकों में आरक्षण देने हेतु कार्यवाही करे।


> सिंगल पिलर पर चार लेन के सेतु बनाये जाने हेतु अभी से कार्ययोजना बनाई जाए।


विभागीय कार्यों में नई टेक्नालाॅजी का इस्तेमाल करने के लिये एक बड़ी वर्चुअल कार्यशाला आयोजित होगी। उप मुख्यमंत्री बोले कार्यशाला के प्रबंध करवाए जाएं।



उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य 13 अगस्त 2020 को तथागत सभागार में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सेतु निगम के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए।  (फोटो : उप मुख्यमंत्री कार्यालय)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)।  उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सेतु निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि पुलों, आरओबी व फ्लाई ओवरों के निर्माण में सुरक्षा मानकों का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा जहां निर्माण कार्य चल रहें हों, वहां बैरीकेडिंग व लाईटिंग के साथ लोगों के आवागमन के लिये सर्विस रोड जरूर बनाई जाए। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय के तथागत सभागार में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सेतु निगम के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पुलों के निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, उपलब्ध मशीनरी का भरपूर प्रयोग किया जाए। आरओबी के मामलें में उन्होंने कहा कि कतिपय स्थानों पर देखा गया है कि सेतु निगम द्वारा कार्य पूरा कर दिया गया है लेकिन रेलवे का कार्य नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में रेलवे के अधिकारियों के साथ वर्चूअल मीटिंग करके यथासम्भव वह कार्य सेतु निगम स्वंय लेकर पूर्ण कराए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फ्लाई ओवरों के निर्माण में व्यू कटर जरूर लगाए जाएं, बड़े कस्बों और शहरों में बने आरओबी के नीचे रेलवे के फाटकों के पास छोटे वाहनों के गुजरने के लिये सर्विस रोड व आवागमन की सुविधा आवश्यकता के अनुरूप जरूर की जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलों, विशेषकर पुराने पुलों का निरीक्षण कर लिया जाए और ज्वाइन्ट प्वाइन्टों पर जहां झटके लगते हैं, वहां विशिष्ट प्रकार के व उच्च क्वालिटी के एक्सपेन्शन ज्वान्ट लगाए जाएं। भविष्य में बनाये जाने वाले बड़े पुलों में सेन्सर लगाये जाने हेतु आगणन में व्यवस्था की जाए। श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि पुलों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से कर लिया जाए तथा जहां मरम्मत की आवश्यकता हो, वहां पर मरम्मत शीघ्र से शीघ्र करायी जाए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेतु निगम लोक निर्माण विभाग की तरह टोल फ्री नम्बर व व्हाट्सअप नम्बर जारी करे, जिसपर जनता की शिकायतें व सुझाव लिये जा सकें और प्राप्त शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि उ प्र सेतु निगम ने उत्तर प्रदेश व देश में ही नहीं, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में पुलों का निर्माण किया है, सेतु निगम को अपनी यह साख बनाये रखनी है और विभाग के अधिकारी विभिन्न राज्यों में, कार्य के विस्तार हेतु प्रयास करें। लोक निर्माण विभाग की तरह सेतु निगम भी 40 लाख रुपए तक के ठेकों में आरक्षण देने हेतु कार्यवाही करे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि नई टेक्नालाॅजी का इस्तेमाल करने के लिये एक बड़ी वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की जाए, जिसमें विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनके सुझाव व उनके अनुभवों व ज्ञान को साझा किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भविष्य को देखते हुये सिंगल पिलर पर चार लेन के सेतु बनाये जाने हेतु अभी से कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की तरह सेतु निगम भी अपने कार्यों का प्रजेन्टेसन / प्रचार एलईडी के माध्यम से करें, ताकि लोगों को धरातल पर होने वाले कार्यों की जानकारी भी प्राप्त हो और निगम की साख भी बढ़े ताकि भविष्य में बड़ी परियोजनाओं का काम भी मिले और निगम की आमदनी में इजाफा भी हो सके। उन्होंने कहा निगम अपना वार्षिक टर्नओवर बढ़ाने का भी भरपूर प्रयास करे। सेतु निगम के संसाधनों की जानकारी हासिल करते हुए, उन्होंने निर्देश दिये कि मोबाइल ब्रिज इन्स्पेक्शन यूनिट, क्रेनों, ट्रकों व टैंकरों, जनरेटरों, ट्रांजिट मिक्सरों आदि का भरपूर उपयोग किया जाए। उन्होंने  यह भी निर्देश दिये कि जो उपकरण मरम्मत योग्य हों, उनकी मरम्मत भी करा ली जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान कोविड-19 के दृष्टिगत निर्धारित सुरक्षा मानकों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। बैठक में निर्देशित किया गया कि राज्य योजना / डीएफसीसी / नाॅन डीएफसीसी / नाबार्ड आदि योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश में कुल निर्माणाधीन 252 नदी सेतुओं को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण किया जाए। श्री मौर्य ने कहा कि पुलों, आरओबी व फ्लाई ओवरों के निर्माण कार्य में धनाभाव नहीं होने दिया जायेगा, कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये। बैठक में राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख सचिव लो नि वि नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लो नि वि रंजन कुमार, विभागाध्याक्ष लो नि वि राजपाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक सेतु निगम अरविन्द श्रीवास्तव, ओएसडी प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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