राजकीय निर्माण निगम अपने कार्यों का विस्तार करने की योजना बनाए, निर्माण निगम के प्राॅफिट को बढ़ाने के हर सम्भव प्रयास किए जाएं : उप मुख्यमंत्री

> उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग स्थित मुख्यालय के तथागत सभागार में उ प्र राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा


> निर्माण निगम के जो टेण्डर अवशेष हों वह तत्काल कर लिए जाएं, ब्लैक लिस्टेड फर्मों को काम न मिलने पाए : उप मुख्यमंत्री


> राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की प्रगति व वित्तीय स्थिति तथा प्राफिट आदि का सम्पूर्ण विवरण तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाए : उप मुख्यमंत्री


 


देश व विदेश के टेण्डरों में राजकीय निर्माण निगम सहभागी बनकर विदेशों में भी अपनी साख बनाए,उप मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि ग्लोबल टेण्डर के लिये राजकीय निर्माण निगम में एक यूनिट स्थापित की जाए।


 


निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश :


सेतु निगम व उ प्र राजकीय निर्माण निगम भी 40 लाख रुपए तक के ठेकों में लोक निर्माण विभाग की तरह ही आरक्षण का प्राविधान किये जाने का ड्राफ्ट प्रस्तुत करें।



उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य 13 अगस्त 2020 को लखनऊ के कैंप कार्यालय स्थित तथागत सभागार में राज्य मंत्री श्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय एवं उ प्र राजकीय निर्माण निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए। (फोटो : उप मुख्यमंत्री कार्यालय)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं, उन्हें तत्काल सम्बन्धित विभागों को हैण्डओवर कराया जाए। उन्होंने कहा कि जिन विभागों द्वारा हैण्डओवर करने में आनाकानी की जा रही है, उनके उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करके गतिरोधों को दूर करते हुये हैण्डओवर कराया जाए। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार 13 अगस्त 2020 को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित तथागत सभागार में उ प्र राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं प्रगतिशील हैं, उनके पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित की जाए और तय समय-सीमा में परियोजनाएं पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि राजकीय निर्माण निगम की आय को बढ़ाने के हर सम्भव उपाय किए जाएं। देश व विदेश के टेण्डरों में राजकीय निर्माण निगम सहभागी बनकर विदेशों में भी अपनी साख बनाए। ग्लोबल टेण्डर के लिये एक यूनिट स्थापित की जाए। गौरतलब है कि राजकीय निर्माण निगम के 18 अंचलों द्वारा उ प्र के अन्दर व 7 अंचलों द्वारा उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य कई प्रान्तों में कार्य कराए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम अपने कार्यों का विस्तार करने की योजना बनाए। बैठक में बताया गया कि राजकीय निर्माण निगम प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ रुपए की धनराशि के कार्य करने की क्षमता रखता है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि उ प्र राजकीय निर्माण निगम के प्राॅफिट को और अधिक बढ़ाने के हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के 40 लाख रुपए तक के ठेकों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत व अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की प्रक्रिया अन्तिम दौर में चल रही है। सेतु निगम व उ प्र राजकीय निर्माण निगम भी 40 लाख रुपए तक के ठेकों में लोक निर्माण विभाग की तरह आरक्षण का प्राविधान किये जाने का ड्राफ्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अंचलवार कार्यों की गहन समीक्षा की जाए और जहां अच्छे कार्य हों वहां के स्टाफ को प्रोत्साहित किया जाए  लेकिन जहां से अपेक्षित परिणाम न आए वहां पर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने कहा कि निगम के जो टेण्डर अवशेष हों वह तत्काल कर लिए जाएं। श्री मौर्य ने कहा कि 10-10 ठेकेदारों को बुलाकर उनकी बैठक की जाए तथा उनकी समस्याएं भी सुनी जांय और नियमानुसार निराकरण किया जाय। श्री मौर्य ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के संगठनात्मक ढ़ांचे को मजबूत किया जाए। मैनपाॅवर की कमी होगी, तो उसे भी दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की प्रगति व वित्तीय स्थिति तथा प्राफिट आदि का सम्पूर्ण विवरण तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन विभागों के कार्य चल रहे हैं और उनसे धनराशि लेना हो तो समय से डिमान्ड करके धनराशि ले ली जाए। उन्होंने कहा कि संचालित परियोजनाओं का लगातार निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इस बात पर भी विशेष रूप से ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये कि ब्लैक लिस्टेड फर्मों को काम न मिलने पाए। उन्होंने राजकीय निर्माण निगम को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने के निर्देश देते हुये कहा कि निगम पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन व सन्तुलन में, स्वच्छता व जल संरक्षण जैसे रचनात्मक कार्यों में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करें। कार्यालयों में स्वच्छता रखी जाए। खाली जमीनों पर वृक्षारोपण किया जाए और जल संचयन और संरक्षण के भी उपाय किए जाएं। बैठक में राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख सचिव लो नि वि नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लो नि वि रंजन कुमार, विभागाध्याक्ष लो नि वि राजपाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक राजकीय निर्माण निगम सत्य प्रकाश, मुख्य अभियन्ता (भवन) आर के सक्सेना, ओएसडी प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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