आगामी महाकुम्भ के पहले - पहले राम वन गमन मार्ग परियोजना को हर हाल में पूरा किया जाए : केशव प्रसाद मौर्य

> राम वन गमन मार्ग का निर्माण 2 पैकेजों में प्रस्तावित किया गया है। प्रथम पैकेज की लम्बाई 54.50 किमी तथा द्वितीय पैकेज की लम्बाई 46.80 किमी आंकलित की गयी है।


> राम वन गमन मार्ग परियोजना की कुल लम्बाई 102 किमी होगी, इसमें 02 दीर्घ सेतु, 02 आरओबी और 02 फ्लाई ओवर निर्मित किये जाने प्रस्तावित हैं।


> राम वन गमन मार्ग परियोजना हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 452.00 करोड़ रुपए का वित्तीय अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। 


> उप मुख्यमंत्री ने 4 लेन इनर रिंग रोड का कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने के निर्देश एनएचएआई के अधिकारियों को दिये।


> फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये 6 लेन सेतु के सेतु निर्माण कार्य की निविदा की स्वीकृति शीघ्र निर्गत की जाए : उप मुख्यमंत्री


 


महाकुम्भ में 50 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है, इस दृष्टिकोण से उप मुख्यमंत्री जी ने निम्न परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये -


> राम वन गमन मार्ग का कार्य 


> प्रयागराज 4 लेन इनर रिंग रोड का कार्य 


> फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये 6 लेन सेतु का निर्माण कार्य 


> चकेरी-प्रयागराज के 6 लेन चैड़ीकरण का कार्य


> हण्डिया राजातालाब सेक्शन के 6 लेन चैड़ीकरण का कार्य 




उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य अपने लखनऊ आवास पर लोक निर्माण विभाग एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राम वन गमन मार्ग के साथ - साथ प्रयागराज में राष्ट्रीय राजमार्ग के समस्त चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए। (फोटो : उप मुख्यमंत्री कार्यालय)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना ‘‘राम वन गमन मार्ग’’ के पूर्ण होने से जहां चित्रकूट और अयोध्या में पर्यटकों की बेशुमार वृद्धि होगी, वहीं यह परियोजना आगामी महाकुम्भ के आयोजन में आवागमन के दृष्टिकोण से अत्यन्त उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उक्त विचार 8 सितम्बर 2020 को एनएचएआई एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा इस परियोजना के वेबिनार के जरिये हुये प्रजेन्टेशन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयागराज में आगामी महाकुम्भ के पहले - पहले इस परियोजना को हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने  प्रयागराज में 4 लेन इनर रिंग रोड को भी महाकुम्भ से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि महाकुम्भ में 50 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है, इस दृष्टिकोण से राम वन गमन मार्ग, प्रयागराज 4 लेन इनर रिंग रोड, प्रयागराज में फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये 6 लेन सेतु, चकेरी-प्रयागराज के 6 लेन चैड़ीकरण एवं हण्डिया राजातालाब सेक्शन के 6 लेन चैड़ीकरण कार्य पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। राम वन गमन मार्ग के संरेखण के वेबिनार के जरिये किये गये प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसका निर्माण 2 पैकेजों में प्रस्तावित किया गया है। प्रथम पैकेज की लम्बाई 54.50 किमी तथा द्वितीय पैकेज की लम्बाई 46.80 किमी आंकलित की गयी है। प्रथम पैकेज के अन्तर्गत श्रंगवेश्वर धाम के निकट गंगा नदी पर 1 किमी लम्बा दीर्घ सेतु एवं राजापुर के निकट महेवा घाट पर यमुना नदी पर लगभग 600 मी लम्बाई का दीर्घ सेतु बनाया जायेगा। राम वन गमन मार्ग परियोजना की कुल लम्बाई 102 किमी होगी, इसमें 02 दीर्घ सेतु, 02 आरओबी और 02 फ्लाई ओवर निर्मित किये जाने प्रस्तावित हैं। परियोजना की 102 किमी लम्बाई में से लगभग 60 किमी लम्बाई हरित क्षेत्र से होकर जायेगी। परियोजना हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 452.00 करोड़ रुपए का वित्तीय अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। प्रयागराज में प्रस्तावित 4 लेन इनर रिंग रोड के संरेखण के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रस्तावित प्रयागराज इनर रिंग रोड की कुल लम्बाई 98 किमी है, जिसमें से 68 किमी ग्रीन फील्ड में तथा 30 किमी की लम्बाई प्रयागराज के वर्तमान बाईपास की है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6879 करोड़ रुपए है, 04 लेन इनर रिंग रोड निर्माण हेतु एनएचएआई द्वारा भूमि अधिग्रहरण की कार्यवाही हेतु धारा-3(1) का प्रकाशन जनवरी 2020 में ही किया जा चुका है। परियोजना प्रारम्भ करने की आवश्यक कार्यवाही एनएचएआई मुख्यालय स्तर पर की जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने इसका कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने के निर्देश एनएचएआई के अधिकारियों को दिये। अधिशासी अभियन्ता, पीआईयू, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा रा0मा0 संख्या-96 पर प्रयागराज में, फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये 6 लेन सेतु के निर्माण के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेतु कार्य की निविदा की स्वीकृति शीघ्र निर्गत की जाए। उन्होंने कहा इसके निर्माण में यदि कहीं कोई दिक्कत आ रही हो तो उसे अवगत कराते हुये, उसका निराकरण सुनिश्चित कर लिया जाए। इस परियोजना की लागत लगभग 2 हजार करोड़ रुपए आंकलित की गयी है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि लोक निर्माण विभाग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी शासन व प्रशासन के अधिकारियों से समन्वय कर सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर लें। श्री मौर्य ने इस दौरान चकेरी-प्रयागराज के 6 लेन मार्ग के चैड़ीकरण कार्य एवं हण्डिया राजातालाब सेक्शन के 6 लेन चैड़ीकरण कार्य की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन कार्यों को त्वरित गति से कराते हुये शीघ्र पूरा किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं में सड़क सुरक्षा के मानकों पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। 


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