गतिशीलता का भविष्य, बुनियादी संरचना के साथ एकीकरण की मांग करता है : नितिन गडकरी

भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश बन गया है


> केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार 4 सितम्बर 2020 को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के 60वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित किया।


> सड़क सुरक्षा लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में ऑटोमोबाइल उद्योग ने बहुत तरक्की की : केंद्रीय मंत्री


> वाहन निर्माताओं ने वाहन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण विनियमों को लागू किया है जैसे क्रैश नॉर्म्स, एबीएस, एयरबैग, सीट बेल्ट रिमाइंडर, रिवर्स पार्किंग असिस्ट, वीटीएस आदि।


> विनियमों ने भारतीय ऑटो उद्योग को वैश्विक ऑटो उद्योग के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है : केंद्रीय मंत्री


> फास्टैग के साथ इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह सफलतापूर्वक लागू किया गया है : केंद्रीय मंत्री


> हम एक एकीकृत ईंधन रोडमैप लाने का प्रयास करेंगे : नितिन गडकरी



केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी एसआईएएम के 60 वें वार्षिक सम्मेलन 2020-'राष्ट्र निर्माण, जिम्मेदारी से' का उद्घाटन करते हुए।  (फोटो : नितिन गडकरी कार्यालय)


नई दिल्ली (पी आई बी)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऑटोमोबाइल उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद के निर्माण में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है और यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें रोजगार की संख्या सबसे ज्यादा है। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार 4 सितम्बर 2020 को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के 60वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस उद्योग के कंधों पर बहुत सारी जिम्मेदरियां है। श्री गडकरी ने समाज और अर्थव्यवस्था के हितों को ध्यान में रखते हुए उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने का भी आश्वासन दिया। मंत्री ने निकट भविष्य में सड़क सुरक्षा लक्ष्यों की प्राप्ति पर भी भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबल उद्योग ने इस दिशा में बहुत प्रगति की है। वाहन निर्माताओं ने वाहन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण विनियमों को लागू किया है जैसे क्रैश नॉर्म्स, एबीएस, एयरबैग, सीट बेल्ट रिमाइंडर, रिवर्स पार्किंग असिस्ट, वीटीएस आदि। इन विनियमों ने भारतीय ऑटो उद्योग को वैश्विक ऑटो उद्योग के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के असाधारण समन्वय और प्रतिबद्धता के कारण संभव हो सका है। श्री गडकरी ने ऑटोमिबिल उद्योग द्वारा बीएस-6 मानकों की ओर छलांग लगाने की सराहना की। श्री गडकरी ने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिदिन सड़क निर्माण की औसत दर 30 किलोमीटर प्रतिदिन है, जिसमें राजमार्गों के लिए प्रतिदिन सड़क निर्माण की 40 किलोमीटर की उच्चतम दर है। उन्होंने कहा कि भारत में एक्सप्रेस-वे और राजमार्गों के निर्माण में जबरदस्त बढ़ोत्तरी होने के कारण यह अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश बन गया है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि केवल वाहनों को सुरक्षित बनाने से दुर्घटनाएं और मौतों में बहुत ज्यादा कमी नहीं आएगी, उन्होंने कहा कि इसे सड़क का सही डिजाइन और प्रवर्तन के साथ पूरक बनाया जाना चाहिए। जिसमें सुसज्जित होना और भविष्य के लिए तैयार होना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि गतिशीलता का भविष्य, बुनियादी संरचना के साथ एकीकरण की मांग करता है। जिसके अनुसार, सभी राजमार्गों / एक्सप्रेस-वे का निर्माण सीमांकित सड़कों और लेन चिह्नों के साथ किया जा रहा है, जो उन्नत चालक सहायता तकनीकों के कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त हैं। मंत्री ने कहा कि यह सदी डिजिटल और कनेक्टेड सुविधाओं के उदय के माध्यम से परिभाषित होता है जो कि जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। डिजिटलीकरण के प्रभाव को स्वीकार करते हुए, मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 में यातायात सुरक्षा और नियम को लागू करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा दिया है। उद्योग के सहयोग से, फास्टैग के साथ इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह सफलतापूर्वक लागू किया गया है। वाहन पोर्टल से जुड़ने के साथ ही, फास्टैग टोल क्रॉसिंग को निर्बाध और सुचारू बना देगा। उन्होंने कहा बुनियादी संरचना में वृद्धि और विकास को न केवल कनेक्टेड वाहनों के दृष्टिकोण से देखा जा रहा है, बल्कि इलेक्ट्रिक और वैक्लपिक ईंधन वाहनों के रूप में भी देखा जा रहा है। उन्होंने वैकल्पिक ईंधनों के बढ़ते उपयोग पर बल देते हुए कहा कि देश भर में इथेनॉल ईंधन की उपलब्धता को लगातार सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जैसे-जैसे इन वाहनों की मांग बढ़ती जाएगी, चार्जिंग स्टेशनों और ईंधन स्टेशनों जैसी सहायक बुनियादी संरचानाओं की मांग बढ़ेगी और इसे पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि हम विभिन्न ईंधन विकल्पों और सहायक बुनियादी संरचनाओं का क्रमबद्ध भूमिका को परिभाषित करते हुए, एक एकीकृत ईंधन रोडमैप लाने का प्रयास करेंगे।


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