खरीफ विपणन वर्ष 2020 - 21 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय हेतु क्रय संस्थाओं को अग्रिम / ऋण उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी
> एसएफसी द्वारा खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा को उनकी आवश्यकतानुसार अल्पकालिक ऋण / अग्रिम दिया जाएगा।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंगलवार 29 सितम्बर को उनके सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2020 - 21 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय हेतु क्रय संस्थाओं को अग्रिम / ऋण उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020 - 21 के अन्तर्गत धान खरीद 01 अक्टूबर, 2020 से प्रारम्भ होगी। धान क्रय की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने, किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए क्रय संस्थाओं को धनराशि तत्काल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। उ प्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) द्वारा धान क्रय हेतु कुल 3000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के अन्तर्गत कैश क्रेडिट लिमिट / अल्पकालिक ऋण उन राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया जाएगा, जिनकी ब्याज दर न्यूनतम हो। उक्त कार्यशील पूंजी के रूप में कैश क्रेडिट लिमिट / अल्पकालिक ऋण लिये जाने हेतु एसएफसी को अधिकृत किया जाएगा। एसएफसी द्वारा खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा को उनकी आवश्यकतानुसार अल्पकालिक ऋण / अग्रिम दिया जाएगा। सम्बन्धित ऋण लिए जाने तथा ऋण की वापसी की शर्तें आदि निर्धारित करते हुए उ प्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) द्वारा ऋण की वापसी सुनिश्चित करायी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा नामित अन्य क्रय संस्थाओं यथा-उ प्र को-आपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) एवं उ प्र को-आपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) के द्वारा धान क्रय हेतु कार्यशील पूंजी की व्यवस्था अपने वित्तीय स्रोतों से की जाएगी। उस पर आने वाले भारित ब्याज की प्रतिपूर्ति भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त ब्याज प्रतिपूर्ति को समायोजित करते हुए राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों से उ प्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) द्वारा लिये जाने वाले ऋण की राज्य सरकार द्वारा शासकीय गारण्टी स्वीकृत की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य एवं आवश्यक वस्तु निगम को ऋण की अदायगी होने तक ब्याज का भुगतान किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध करायी जाएगी। भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त ब्याज की धनराशि को उपरोक्त ऋण पर देय ब्याज में से समायोजित करते हुए ब्याज की शेष धनराशि निगम को उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग की सहमति है। चूंकि विचाराधीन ऋण का प्रयोग उ प्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम लिमिटेड द्वारा वाणिज्यिक क्रिया - कलापों के लिये नहीं किया जाना है, अतः शासकीय गारण्टी पर गारण्टी शुल्क आरोपित नहीं किया जाएगा। जिन बैंकों से उ प्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम लिमिटेड द्वारा ऋण लिया जाएगा, उनके पक्ष में निगम द्वारा एस्क्रो खाता खोला जाएगा तथा भारतीय खाद्य निगम को धान का विक्रय करने से प्राप्त धनराशि उक्त एस्क्रो खाते में जमा की जाएगी। एस्क्रो खाते में जमा धनराशि से ऋण की अदायगी समय से सुनिश्चित की जाएगी। भविष्य में उक्त निर्णय में किसी संशोधन /परिवर्धन हेतु मुख्यमंत्री जी अधिकृत होंगे।