कृषि विज्ञान केन्द्रों ने किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्हें उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने में मदद की : मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्र, हापुड़ के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं कृषि विज्ञान केन्द्र सम्भल, बुलन्दशहर तथा मुरादाबाद (द्वितीय) के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया।
मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 सितम्बर 2020 को अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग में कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रशासनिक भवनों का वर्चुअल लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए। (फोटो : मुख्यमंत्री सूचना परिसर)
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार 25 सितम्बर 2020 को अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र, हापुड़ के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं कृषि विज्ञान केन्द्र सम्भल, कृषि विज्ञान केन्द्र बुलन्दशहर तथा कृषि विज्ञान केन्द्र मुरादाबाद (द्वितीय) के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा किसान प्रगतिशील किसान है, वह नया अनुसंधान चाहता है। नये तौर - तरीके के साथ अपनी खेती को आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन उसे नये तौर - तरीके कौन बताएगा यह उसके सामने एक प्रश्न रहता था। विगत 03 वर्षों में कृषि विज्ञान केन्द्रों की नई श्रृंखला ने किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्हें उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने में मदद की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक किसान को उसकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके, इस पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही प्रत्येक किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं, जिनके प्रयासों से कृषि क्षेत्र में नई प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ हुई है, जो किसानों के व्यापक हित में है। अब किसान वन नेशन, वन मार्केट के नये युग की ओर जा रहा है, जहां वह अपनी उपज की देश के अन्दर कहीं भी बिक्री करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। इसके साथ ही, शासन उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारण्टी भी दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना ही होगा। अगर किसानों की आमदनी बढ़ानी है, तो कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलाव को हमें खुले दिमाग से स्वीकार करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहें, इसके लिए राज्य के सभी कृषि विश्वविद्यालय व सभी कृषि विज्ञान केन्द्र इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को पिछले 03 वर्षों में 01 लाख 05 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। प्रदेश में किसानों के हित में किये जाने वाले कार्यों को हम लोगों ने कोरोना काल खण्ड में भी देखा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इकलौता राज्य रहा, जिसने लॉकडाउन के दौरान अपनी 119 चीनी मिलों का संचालन पूरी सुरक्षा के साथ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कृषि से सम्बन्धित जो बिल पास किये वह किसानों के हित में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य हर हाल में देती रहेगी और इसको इसी रूप में आगे ले जाने का कार्य करेगी। कृषि विज्ञान केन्द्र खेती - किसानी की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आयी है। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को तकनीक के विषय में जानकारी प्राप्त हो रही है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किये जाने की आवश्यकता है। अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।