मुख्यमंत्री ने चिकित्सा उपकरणों की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के प्रकरण को गम्भीरता से लिया
> भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति।
> इस मामले की जांच हेतु एसआईटी के गठन के निर्देश।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सुल्तानपुर तथा गाजीपुर सहित कुछ अन्य जनपदों की कतिपय ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर तथा इन्फ्रारेड थर्मामीटर की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के प्रकरण को अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए इस मामले की जांच हेतु एसआईटी के गठन के निर्देश दिए हैं। शासन द्वारा यह एसआईटी अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है। सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता तथा सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को इस एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी आख्या शासन को प्रस्तुत करेगी। ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा कोविड-19 की रोकथाम हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर का एक सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से क्रय किए जाने के निर्देश शासनादेश संख्या 1596/33-3-2020-114/2012 दिनांक 23 जून, 2020 के माध्यम से निर्गत किए गए थे। जनपद सुल्तानपुर और गाजीपुर के साथ कुछ अन्य जनपदों में कतिपय ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक इन उपकरणों को क्रय किए जाने की जानकारी शासन को प्राप्त हुई थी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जी ने सदैव इस बात पर विशेष बल दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर यदि किसी अनियमितता की जानकारी प्राप्त होती है, तो प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। आपको बता दें कि पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर किट का सरकारी रेट 2800 रुपये निर्धारित किया गया था। यही किट गाजीपुर में 15750 रुपए, बिजनौर में 13750 रुपए, सुल्तानपुर में 9950 रुपए और बाराबंकी में 15750 रुपए में खरीद हुई है। सूत्रों के अनुसार 5,800 में इंफ्रारेड थरमामीटर और पल्स ऑक्सिमीटर खरीदने पर गाजीपुर के डीपीआरओ तथा 9,950 रुपए में खरीदने पर सुल्तानपुर के डीपीआरओ सस्पेंड हुए हैं।