प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट में से 33 प्रतिशत टेस्ट आरटी पीसीआर द्वारा हर हाल में सुनिश्चित हों : मुख्यमंत्री

हाई रिस्क ग्रुप की फोकस टेस्टिंग करते हुए लक्षणों के आधार पर उनका आरटी पीसीआर कराया जाए : मुख्यमंत्री


कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में जनपद गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में अच्छा कार्य हुआ है : मुख्यमंत्री


 


एक व्यक्ति भी कोविड संक्रमित पाए जाने पर 10 से 15 लोगों की 48 घण्टों के भीतर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए।


प्रत्येक जनपद में अलग - अलग कार्यों की जिम्मेदारी, अलग - अलग समूहों को दी जाए और इनके कार्यों की गहन मॉनीटरिंग की जाए।


कोविड-19 संक्रमण पाए जाने पर माइक्रो कण्टेनमेण्ट जोन बनाया जाए।


कोविड संक्रमित मरीज पाए जाने पर उसे समय पर कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए।


 


चिकित्सा संस्थानों को वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से जोड़ने की कार्यवाही तेजी से की जाए ...


मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक आधारित इन व्यवस्था से योग्य एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा गम्भीर रोगियों का बेहतर इलाज सुनिश्चित कराया जा सकता है।



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 25 सितम्बर 2020 को अपने सरकारी आवास पर आहूत उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए।  (फोटो : मुख्यमंत्री सूचना परिसर)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश के जिन 16 जनपदों में पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रतिदिन 100 या उससे अधिक कोविड-19 के मामले मिले हैं, ऐसे जनपदों में संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव स्तर के 16 नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। यह अधिकारी सम्बन्धित जनपद में पहुंचकर ठोस रणनीति व व्यवस्थित कार्ययोजना बनाते हुए रविवार (27 सितम्बर, 2020) तक अपने - अपने जनपदों के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इनके सहयोग के लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी के अलावा चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ भी इस टीम में मौजूद होंगे। वरिष्ठ नोडल अधिकारी सोमवार तक मुख्यालय वापस आएंगे। विशेष सचिव स्तर के अधिकारी एक सप्ताह तक सम्बन्धित जनपदों में कैम्प करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भी कोविड-19 के सम्बन्ध में इन अधिकारियों के फीडबैक तथा अन्य समाधान के लिए जुड़ा रहेगा। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार 25 सितम्बर को अपने सरकारी आवास पर 16 जनपदों में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के सम्बन्ध में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेण्ट महत्वपूर्ण हैं। नोडल अधिकारियों को अपने - अपने जनपद में टेस्टों की संख्या बढ़ाने और कॉन्टैक्स ट्रेसिंग पर फोकस किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति भी कोविड संक्रमित पाए जाने पर 10 से 15 लोगों की 48 घण्टों के भीतर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए। इससे संक्रमण की दर को नियंत्रित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे अभियान को सक्रियता से संचालित किया जाए। होम हाइसोलेशन में रह रहे मरीजों के साथ निरन्तर संवाद कर उनकी स्थिति की जानकारी ली जाए। उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को और प्रभावी और सुदृढ़ करते हुए उसके बेहतर संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में अलग - अलग कार्यों की जिम्मेदारी, अलग - अलग समूहों को दी जाए और इनके कार्यों की गहन मॉनीटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण पाए जाने पर माइक्रो कण्टेनमेण्ट जोन बनाया जाए। उस जोन के तहत शत - प्रतिशत टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए। इनके अलावा, हाई रिस्क ग्रुप की फोकस टेस्टिंग करते हुए लक्षणों के आधार पर उनका आरटी पीसीआर कराया जाए। प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट में से 33 प्रतिशत टेस्ट आरटी पीसीआर द्वारा हर हाल में सुनिश्चित हों। कोविड संक्रमित मरीज पाए जाने पर उसे समय पर कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए। मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारियों से कहा कि रणनीति बनाते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि रिकवरी दर और बेहतर हो। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में जनपद गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में अच्छा कार्य हुआ है। इन जनपदों में अपनायी गई कार्य योजना का अध्ययन करते हुए रणनीति बनायी जाए। यह कार्य योजना अन्य जनपदों में भी आवश्यकतानुसार लागू की जाएगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन प्रातः 09 से 10 बजे तक जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी जनपद के किसी कोविड अस्पताल में कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में बैठक करें तथा सायं जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर में इस सम्बन्ध में समीक्षा करें। लापरवाही या शिथिलता पाए जाने पर जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्विलांस और एम्बुलेन्स सेवा को और बेहतर करते हुए एल-2 व एल-3 कोविड अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ायी जाए। वहां पर विशेषज्ञों व पैरामेडिक्स की व्यवस्था सुनिश्चित हो। सीनियर डॉक्टर्स राउण्ड लें। इन सबकी मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जाए। वेण्टीलेटर / एचएफएनसी (हाई फ्लो नेजल कैन्युला) क्रियाशील रहें। इसके साथ पीपीई किट, एन-95 मास्क, ऑक्सीजन, वेण्टीलेटर, दवाइयों, सैनिटाइजर आदि की पर्याप्त उपलब्धता रहे। किसी भी हाल में कालाबाजारी न होने पाए। ऐसा पाए जाने पर उन्होंने सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से जोड़ने की भी कार्यवाही तेजी से की जाए। तकनीक आधारित इन व्यवस्था से योग्य एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा गम्भीर रोगियों का बेहतर इलाज सुनिश्चित कराया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के सम्बन्ध में जागरुकता के कार्यक्रम के साथ - साथ स्वच्छता व सैनिटाइजेशन की भी कार्यवाही निरन्तर संचालित की जाए। आने वाले पर्व और त्योहारों के दृष्टिगत कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन कार्यवाही पूरी सक्रियता से की जाए। महत्वपूर्ण स्थानों व चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से कोरोना से बचाव तथा यातायात सुरक्षा के सम्बन्ध में लोगों को जागरुक किया जाए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल, प्रमुख सचिव उद्यान बाबू लाल मीणा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव वन सुधीर गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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