मुख्यमंत्री ने 'वन्य प्राणि सप्ताह-2020' के समापन पर जटायु (गिद्ध) संरक्षण केन्द्र का शिलान्यास किया

> मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणि सप्ताह के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ऑनलाइन पुरस्कार वितरित किया तथा उनसे संवाद भी किया।


> मुख्यमंत्री ने 'गढ़ा कॉरिडोर' तथा 'वाल्मीकि की पर्यावरण चेतना' पुस्तक का विमोचन किया।


> पर्यावरण का अर्थ सिर्फ मनुष्य नहीं है, बल्कि प्रत्येक प्राणि ईको सिस्टम को मजबूत बनाता है : मुख्यमंत्री


> जैसे जल की शुद्धि में डॉल्फिन का विशेष महत्व है, उसी प्रकार थल की शुद्धि में गिद्ध का : मुख्यमंत्री



07 अक्टूबर 2020 को वन्य प्राणी सप्ताह 2020 के समापन समारोह के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भेंट करते हुए।



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी वन्य प्राणि सप्ताह के साथ ही 7 अक्टूबर 2020 को जनपद महाराजगंज में गिद्धों के संरक्षण के लिए जटायु संरक्षण केंद्र का शुभारम्भ करते हुए। (फोटो : मुख्यमंत्री सूचना परिसर)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 7 अक्टूबर को अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से 'वन्य प्राणि सप्ताह-2020' के समापन अवसर पर जटायु (गिद्ध) संरक्षण केन्द्र, महराजगंज का शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर गिद्धों के संरक्षण पर किये गये शोध पुस्तक का विमोचन, वन्यजीवों के स्वच्छन्द विचरण हेतु आवश्यक कॉरिडोर पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र हेतु तैयार की गयी पुस्तक 'गढ़ा कॉरिडोर' तथा 'वाल्मीकि की पर्यावरण चेतना' पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Most species planted at same time) का सर्टिफिकेट भेंट किया। मुख्यमंत्री जी को मानव वन्य जीव निवारण सम्बन्धी उपकरण भी भेंट किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार वन्य प्राणियों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में वनों एवं वन्य प्राणियों का विशेष महत्व है। हमारी संस्कृति अरण्य संस्कृति भी कहलाती है। उन्होंने कहा कि गिद्ध संरक्षण केन्द्र पर्यावरण की शुद्धि का माध्यम बनेगा। साथ ही, प्रकृति के संरक्षण व उस क्षेत्र में ईको टूरिज्म की सम्भावनाओं को भी बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस वर्ष रिकॉर्ड 25 करोड़ पौधे लगाये हैं, जिससे प्रदेश का वनाच्छादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ने के साथ ही जीवों का संरक्षण आवश्यक है। पर्यावरण का अर्थ सिर्फ मनुष्य नहीं है, बल्कि प्रत्येक प्राणी ईको सिस्टम को मजबूत बनाता है। अगर एक भी कड़ी कमजोर होती है, तो ईको सिस्टम भी कमजोर होता है। गिद्धों के बारे में कहा जाता है कि यह प्रकृति और पर्यावरण की शुद्धि करता है। जैसे जल की शुद्धि में डॉल्फिन का विशेष महत्व है, उसी प्रकार थल की शुद्धि में गिद्ध का। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े तीन वर्षों में सरकार के प्रयासों से टाइगर, गेंडा तथा हाथी की संख्या में वृद्धि हुई है, जो एक अच्छा संकेत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दृष्टिगत लोगों से अपील की कि सभी लोग मास्क पहनकर बाहर निकलें। दो गज की दूरी का पालन करें और बहुत आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने वन्य प्राणी सप्ताह के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ऑनलाइन पुरस्कार वितरित किया तथा उनसे संवाद भी किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन्य एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का रोल मॉडल बन रहा है। 05 जुलाई, 2020 को प्रदेश में 25 करोड़ पौधों का रोपण किया गया, जिसकी प्रशंसा पूरे विश्व में की गयी है। ज्ञातव्य है कि सबमिशन ऑन एग्रोफॉरेस्ट्री, नमामि गंगे, राष्ट्रीय बांस मिशन सहित विभिन्न केन्द्र प्रोषित योजनाओं के अन्तर्गत कृषकों को पौधरोपण एवं देखभाल हेतु आर्थिक अनुग्रह राशि दी जा रही है। पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने में जैव विविधता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत 09 जलवायु क्षेत्रों की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा स्तर पर जैव विविधता प्रबन्धन समितियों का गठन तथा ग्राम स्तर पर जन जैव विविधता रजिस्टर तैयार किये जा रहे हैं। अवैध कटान, शिकार, खनन व वन्य प्राणियों की तस्करी पर कठोर नियंत्रण किया जा रहा है। विगत 03 वर्षों में वर्तमान सरकार द्वारा किये गये वृहद् वृक्षारोपण एवं रोपित पौधों की प्रभावी सुरक्षा के परिणामस्वरूप वन स्थिति रिर्पोट 2019 के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2017 के सापेक्ष वर्ष 2019 में वनावरण में 127 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। बाघ संरक्षण में स्थानीय समुदाय की सहभागिता एवं प्राकृतवास सुधार से प्रदेश में बाघ की संख्या 117 से बढ़कर 173 हो गई है। राष्ट्रीय धरोहर हाथी की संख्या भी बढ़कर 320 हो गई है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद तथा वन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


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