प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया का एआई केन्‍द्र बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया

भारत ने अपने आपको वैश्विक आईटी सेवा उद्योग का पावर हाउस भी सिद्ध कर दिया है


> 5 अक्‍टूबर से 9 अक्‍टूबर तक इस शिखर सम्‍मेलन में 45 सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, उद्योग क्षेत्र और सरकार के लगभग 300 वक्‍ता भाग लेंगे।


> 140 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों सहित 61,000 से अधिक हितधारकों ने रेज़ 2020 में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।


> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भारत का राष्‍ट्रीय कार्यक्रम सामाजिक समस्‍याओं के समाधान में एआई के उचित उपयोग के प्रति समर्पित होगा : प्रधानमंत्री


> मानव बौद्धिकता हमेशा एआई से कुछ कदम आगे रहे : प्रधानमंत्री


> हम विकास और समानता को बढ़ावा देने में एआई का स्वागत करते हैं : रवि शंकर प्रसाद , इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री


> भारत के पास एक अरब से अधिक भारतीयों द्वारा सृजित डेटा की शक्ति : मुकेश अंबानी , चेयरमैन , रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 05 अक्टूबर, 2020 को नई दिल्ली में आरएआईईएस 2020 के उद्घाटन अवसर पर  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर एक मेगा वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए। (फोटो : पत्र सूचना कार्यालय)


नई दिल्ली (पी आई बी)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार 5 अक्टूबर को रेज़ 2020 – रिस्‍पोंसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल इम्‍पावरमेंट 2020 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, ट्यूरिंग अवार्डी पद्म‍भूषण से सम्‍मानित एवं पूर्व सह-अध्‍यक्ष, अमेरिकी राष्‍ट्रपति सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार समिति प्रो राज रेड्डी, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी, सीईओ आईबीएम इंडिया डॉ अरविंद कृष्‍ण, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं आईटी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी भी उपस्थित थे। 5 अक्‍टूबर से 9 अक्‍टूबर तक इस शिखर सम्‍मेलन में 45 सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, उद्योग क्षेत्र और सरकार के लगभग 300 वक्‍ता भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास के हर कदम पर भारत ने ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में विश्‍व का नेतृत्व किया है। आज आईटी के इस युग में भी भारत उत्कृष्ट योगदान दे रहा है। उन्होंने भारत को दुनिया का एआई केन्‍द्र बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपने आपको वैश्विक आईटी सेवा उद्योग का पावर हाउस भी सिद्ध कर दिया है। हम चाहते हैं कि भारत एआई के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनें। अनेक भारतीय पहले ही इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मुझे उम्‍मीद है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में इससे भी अधिक लोग काम करेंगे। इसके लिए हमारा दृष्टिकोण टीमवर्क, विश्वास, सहयोग, जिम्मेदारी और समग्रता के मुख्य सिद्धांतों द्वारा संचालित है। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भारत का राष्‍ट्रीय कार्यक्रम सामाजिक समस्‍याओं के समाधान में एआई के उचित उपयोग के प्रति समर्पित होगा। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानव बौद्धिकता हमेशा एआई से कुछ कदम आगे रहे। जब हम एआई के बारे में चर्चा करते हैं, तो हमें इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि मानव रचनात्मकता और मानवीय भावनाएं हमारी सबसे बड़ी ताकत बनी हुई हैं। यह भावनाएं मशीनों पर हमारा विशिष्‍ट लाभ हैं। यहां तक ​​कि अच्‍छी से अच्‍छी एआई भी हमारी बुद्धि के साथ मिश्रण किए बिना मानव जाति की समस्याओं को हल नहीं कर सकती है। रविशंकर प्रसाद ने भारत सरकार द्वारा देश में एआई क्षमताओं का विकास करने पर जोर देने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एआई उत्‍कृष्‍टता के केन्‍द्र स्थापित किए हैं और ऐसे अधिक से अधिक केन्‍द्र युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए स्थापित किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि कई बार प्रौद्योगिकी बहुत अभिभूत कर देती है, लेकिन हम विकास और समानता को बढ़ावा देने में एआई का स्वागत करते हैं। भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश संसाधन देश के एआई पारिस्थितिकी तंत्र को आगे ले जाने के लिए कुशल पेशेवरों के पूल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत का एआई कार्यान्‍वयन विश्‍व के लिए प्रकाश स्‍तंभ बन जाएगा। अपने संबोधन में मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत के पास एक अरब से अधिक भारतीयों द्वारा सृजित डेटा की शक्ति है,  जो इसे विश्‍व का एक शीर्ष एआई खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित करेगी। मुकेश अंबानी ने कहा कि जब 1.3 बिलियन भारतीय डिजिटल रूप से सशक्ते होंगे तो वे समाज में त्‍वरित विकास, जीवन के बेहतर मानक और बेहतर अवसरों के सृजन में डिजिटल उद्यमों के प्रसार को बढ़ावा देंगे। स्‍वतंत्र अध्‍ययनों के अनुसार एआई में भारत की वार्षिक वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत बढ़ाने और 2035 तक देश की अर्थव्यवस्था में 957 बिलियन अमरीकी डालर की बढ़ोतरी करने की क्षमता है। डॉ अरविंद कृष्‍ण रेड्डी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एआई 2030 तक उत्पादकता में 15.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाएगा और इसमें न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, बल्कि दुनिया के लाखों लोगों की आजीविका में सुधार लाने की भी क्षमता है। प्रो रेड्डी ने भाषाओं की बाधा को दूर करने और महामारी की स्थिति के प्रबंध में एआई के लाभों पर जोर दिया। आज हम उन चीजों को कर सकते हैं जिन्हें 50 साल पहले करना असंभव था। एआई का उपयोग करके कोई व्‍यक्ति अपनी कार चलाते हुए भी एक भाषा से किसी दूसरी भाषा में अनुवाद कर सकता है और ग्रैंडमास्टर स्तर पर शतरंज खेल सकता है। अब हम यह उम्‍मीद कर सकते हैं कि एआई लॉकडाउन को खत्म करने, व्यक्तिगत रूप से छात्र की क्षमताओं और रुचियों के आधार पर शिक्षा को व्‍यक्तिगत बनाकर शिक्षा के समान रूप में बदलाव ला सकते हैं, कोई भी फिल्‍म देख सकते हैं, किसी के साथ किसी भी भाषा में बातचीत कर सकते हैं और निचले स्‍तर पर मौजूद लोगों को सशक्‍त बना सकते हैं। उद्घाटन के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विश्‍व में बदलाव के लिए आगे बढ़ने के तरीकों पर एक सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में प्रो रेड्डी, श्री कांत और श्री साहनी द्वारा तकनीकी वार्ता की गई। सत्र का संचालन अभिषेक सिंह, अध्यक्ष एवं सीईओ एनईजीडी और सीईओ माईगॉव ने किया। अब तक, शिक्षा क्षेत्र, अनुसंधान उद्योग और 140 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों सहित 61,000 से अधिक हितधारकों ने रेज़ 2020 में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है। कृषि से लेकर फिनटेक और स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल से लेकर बुनियादी ढांचा तक भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एकीकरण में तेजी से विकास हो रहा है। अपनी तकनीकी प्रगति और डेटा समृद्धि के दम पर भारत विश्‍व के लिए एआई प्रयोगशाला बन सकता है और अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्‍ध कराके सशक्तिकरण के माध्‍यम से समग्र विकास और प्रगति में योगदान दे सकता है। रेज़ 2020 शिखर सम्मेलन (http://raise2020.indiaai.gov.in/) डेटा-समृद्ध वातावरण का सृजन करने में मदद करने के लिए आम सहमति निर्माण और विचार-विमर्श के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा, जिससे विश्‍व स्‍तर पर जीवन में बदलाव लाने में मदद मिलेगी।


रेज़ 2020 के बारे में :


रेज़ 2020 अपने किस्‍म का पहला सम्‍मेलन है, जो जवाबदेह एआई के माध्‍यम से सामाजिक बदलाव, समावेश और सशक्तिकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और रोडमैप को आगे बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बुद्धिमानों की एक वैश्विक बैठक है। भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक उद्योग दिग्‍गजों, प्रमुख मत निर्माताओं, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों की मजबूत भागीदारी होगी।


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