उ प्र आबकारी (आसवनी की स्थापना) (पन्द्रहवां संशोधन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित

लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिनमें मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश आबकारी (आसवनी की स्थापना) (पन्द्रहवां संशोधन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है। आबकारी नीति वर्ष 2020-21 के प्रस्तर–2.7.8 के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के परिप्रेक्ष्य में आबकारी आयुक्त के स्तर से एवं शासन स्तर से निस्तारित किये जाने वाले प्रकरणों के निस्तारण स्तर में परिवर्तन कर, प्रदेश में स्थित आसवनियों में किये जाने वाले परिवर्तन / परिवर्धन के कार्यों को आबकारी आयुक्त के स्थान पर संबंधित प्रभार के उप आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। पेय मदिरा उत्पादन हेतु नई आसवनी की स्थापना तथा औद्योगिक एल्कोहल उत्पादन करने वाली आसवनियों / कैप्टिव आसवनियों को पेय मदिरा निर्माण / पेय क्षमता में वृद्धि की अनुमति हेतु आबकारी नीति वर्ष 2020-21 में प्राविधानित व्यवस्था में क्रम में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के स्थान पर अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव, आबकारी विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने का प्राविधान किया गया है। ऐसे अनुज्ञापी जिन्हें पी डी-33 में लाइसेंस प्रदान किया गया हो, बोतल भराई नियमावली में यथाविनिर्दिष्ट निबन्धन और शर्तों के अधीन पेय मदिरा के विनिर्माण के लिए अन्य आसवनियों से एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल क्रय कर सकता है, धारित कर सकता है और उसका उपभोग कर सकता है, की व्यवस्था की गयी है। पी डी-33 अनुज्ञापन की वैधता एक वर्ष के लिए बढ़ाये जाने हेतु अतिरिक्त लाइसेंस फीस आरोपित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है। लो रिकवरी प्रकरणों में दण्ड हेतु विकल्प भी प्राविधानित किया गया है।


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