मण्डी परिषदों एवं अधिसूचित मण्डी स्थलों में मण्डी शुल्क की दर को घटाने का प्रस्ताव अनुमोदित
कृषक संगठनों की मांग पर
दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने मण्डी परिषदों एवं अधिसूचित मण्डी स्थलों में आरोपित होने वाले मण्डी शुल्क की वर्तमान दर को 02 प्रतिशत से घटाकर 01 प्रतिशत तक एवं विकास शुल्क 0.50 प्रतिशत को यथावत रखने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। यह निर्णय किसान उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम-2020 के अनुक्रम में मण्डी शुल्क की दरों में संशोधन कर कमी किए जाने के तहत लिया गया है। यह निर्णय मण्डी अधिनियम-1964 की धारा 17(3)(ख) के प्राविधान के अनुसार अधिसूचना निर्गत करने के उपरान्त लागू हो जाएगा। भारत सरकार की नयी व्यवस्था के क्रम में मण्डी परिसरों के अन्दर के व्यापार को प्रासंगिक और आकर्षित बनाये रखने के लिए मण्डी शुल्क दरों में कमी किया जाना आवश्यक है। मण्डियों का व्यापार कम होने व उनका कमजोर पड़ना कृषक हित में नहीं होगा। इस आशंका को दृष्टिगत रखते हुए ही कृषक संगठनों द्वारा मांग की गयी है। मण्डी को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए जाने से कृषकों को लाभ होगा। साथ ही, इससे प्रदेश में कृषि कार्य में लगी इकाइयों एवं मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।