पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग
> वातावरण के प्रदूषणमुक्त करने एवं बीमारियों से बचाव हेतु लो नि वि द्वारा हर्बल मार्गों का चयन कर ग्रीन बेल्ट विकसित की गई : उप मुख्यमंत्री
> लो नि वि द्वारा हर्बल वाटिका का निर्माण किया जा रहा है जिसमें विभिन्न पौधे रोपित किये जा रहे हैं : उप मुख्यमंत्री
मार्गों के नवीनीकरण में 63 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत की गई ...
उप मुख्यमंत्री जी ने बताया कि 1500 किमी लम्बाई के नवीनीकरण कार्यों वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग किए जाने का लक्ष्य है।
दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रदूषण मानव सभ्यता के साथ - साथ विश्व के समस्त प्राणियों के लिए अत्यन्त ही घातक है। प्रत्येक वर्ष लाखों लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गवांते हैं। प्रदूषण से बचने हेतु हमें अपनी जीवन शैली में अनेक परिवर्तन करने की आवश्यकता है। पूरा विश्व प्रदूषण की चपेट में है एवं इससे बचने के तरीके अपना रहा है। प्रदूषण से बचने का सर्वाधिक सरल उपाय प्रकृति को अपनाना एवं वृक्षारोपण करना है। लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली में भी सरकार द्वारा प्रदूषण से बचने हेतु अनेक कदम उठाए गए हैं। विभाग द्वारा नई तकनीकी का उपयोग कर लगभग 16 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी की गयी है तथा विभाग द्वारा समय - समय पर ऐसे अन्य तरीके भी अपनाये जा रहे हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैं। जैसे- हर्बल मार्ग एवं वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से मार्ग निर्माण। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वातावरण के प्रदूषणमुक्त करने एवं बीमारियों से बचाव हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा कुल 175 मार्गों का हर्बल मार्गों का चयन कर ग्रीन बेल्ट बनाकर हर्बल वृक्ष जैसे- नीम, आंवला अर्जुन, सहजन, पीपल आदि पौधे रोपित किए जा रहे हैं। हर्बल मार्गों पर अब तक 32731 पौधे रोपित किये जा चुके हैं। इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग द्वारा हर्बल वाटिका का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें मासपर्णी, सप्तपर्णी, जत्रोफा (रतनजोत), मेंथा, लेमन ग्रास, भ्रिंगराज, मुई, बाह्मी, तुलसी, अनन्तमूल, ग्वारापाठा, अश्वगंधा, हल्दी आदि पौधे जोकि कई रोगों के समाधान के लिए अत्यन्त उपयोगी हैं, रोपित किये जा रहे हैं। मार्गों को हर्बल मार्ग अथवा हर्बल वाटिका बनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों की इम्यूनिटी को बेहतर करने के साथ साथ पर्यावरण को शुद्ध रखना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुये मार्गों के नवीनीकरण कार्य कराते हुये प्लास्टिक मार्ग के निर्माण की योजना प्रारम्भ की गई। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में अब तक 75 मार्गों की 94 किमी के नवीनीकरण का कार्य वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से किए जाने की स्वीकृति की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष अब तक 32 कार्य, लम्बाई 43 किमी के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, जिन पर 63 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत कर ली गयी है। शेष 43 कार्य लम्बाई 50 किमी प्रगति में है। उन्होने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में लगभग 1500 किमी लम्बाई के नवीनीकरण कार्यों वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग किए जाने का लक्ष्य है। जिसमें लगभग 2 हजार टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी, जो पर्यावरण संरक्षण में बहुत सहायक होगा।