डेन्टल काॅलेज की जगह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल विकसित करने का निर्णय

 दैनिक कानपुर उजाला

कानपुर। कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वर्ष 2008 में चिकित्सालय की सुविधाओं की सेवाओं के आधुनिकीकरण सहित डेन्टल काॅलेज की स्थापना का निर्णय लिया था। जिसका ठेका कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा, भारत सरकार की इकाई एन.बी.सी.सी. को दिय गया। मेसर्स एन.बी.सी.सी. द्वारा पाण्डु नगर चिकित्सालय में आधुनिकीकरण, डेन्टल काॅलेज का निर्माण परियोजना के अन्तर्गत चिकित्सालय के कुछ हिस्से का निर्माण कार्य किया गया। किन्तु डेन्टल काॅलेज परियोजना का काम बंद होने से, अस्पताल में डेन्टल काॅलेज निर्माण के लिये अर्ध -निर्मित संरचना सहित मंहगे उपकरण जैसे डीजल जनरेटर सेट, इलेक्ट्रिकल पैनल इत्यादि लम्बे समय से अनुपयोगी पड़े हैं। अस्पताल की आधुनिकीकरण परियोजना में भी चिकित्सालय के कुछ हिस्से के निर्माणाधीन होने के चलते, अस्पताल के लिये स्वीकृत, 312 शैय्याओं में से 100 शैय्याओं का ही उपयोग हो रहा है और ऑपरेशन थिएटर,  पैथालाजी, एक्स-रे इत्यादि जैसी सुविधाओं के लिये अस्थाई तौर पर अलग कमरों में व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार चिकित्सालय की 40 प्रतिशत क्षमता उपयोग में लाई जा रही है। जिससे मरीजों को पूरा लाभ नही मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में संज्ञान में आया है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने उक्त अस्पताल में डेन्टल काॅलेज की स्थापना के निर्णय को बदलकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल विकसित करने का निर्णय लिया है। इस हेतु श्रम एवं रोजगार मंत्रालय स्तर से एक उपसमिति भी गठित की गयी थी। जिसका एक सुझाव यह भी है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम, जाजमऊ चिकित्सालय को पुनः राज्य सरकार को वापस दे एवं बदले में पाण्डु नगर चिकित्सालय को सेकेण्डरी केयर और एस.एस.टी. केयर की सुविधा एक ही प्रशासनिक नियंत्रण के अन्तर्गत प्रदान करने हेतु कर्मचारी राज्य बीमा निगम को हस्तांतरित कर दिया जाए।

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