बी.एस.एन.एल. का करार खत्म, ऑनलाइन चालान सिस्टम फेल



 दैनिक कानपुर उजाला

कानपुर। शहर में यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए के.डी.ए. ने 32 करोड़ रुपये से इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आई.टी.एम.एस.) सात साल पहले शुरू किया था। इसके तहत 68 चौराहों पर सिग्नल और 58 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए थे। हालांकि सात साल में सिस्टम पूरी तरह से नहीं चल सका। वहीं जून 2020 में बी.एस.एन.एल. से करार खत्म होने के बाद से आई.टी.एम.एस. कंट्रोल रूम बंद हो गया। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद यातायात के सुधार की ओर कदम उठाए गए हैं। आई.टी.एम.एस. तो चालू हो गया लेकिन सिर्फ बड़ा चौराहा पर ही ऑनलाइन चालान किया जा रहा है। दिल्ली की ओनिक्स इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड से के.डी.ए. ने सिग्नल व सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाने का काम कराया था।  प्रबंधन की जिम्मेदारी भी ओनिक्स इलेक्ट्रानिक्स कंपनी को दी गई थी लेकिन अंडरग्राउंड डाली गई केबिल कट गईं। इससे चौराहों पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे और सिग्नल बंद पड़े हैं। कंपनी ने आठ चौराहों पर 32 सी.सी.टी.वी. जबकि बड़ा चौराहा व विजय नगर चौराहे पर 13 - 13 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। वहीं बी.एस.एन.एल. के नेटवर्क से आठ चौराहों पर पी.ए. सिस्टम, बड़ा चौराहा और कारसेट चौराहे पर रेड लाइट वाइलेशन (आर.एल.वी.डी.) कैमरे लगाए गए थे जो चल नहीं सके। शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद आई.टी.एम.एस. शुरू किया गया। अभी आई.टी.एम.एस. से सिर्फ बड़ा चौराहा पर ऑनलाइन चालान की व्यवस्था शुरू हुई है। एडी.सी.पी. ट्रैफिक निखिल पाठक ने बताया कि जल्द ही अन्य चौराहों पर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करके आई.टी.एम.एस. से जोड़ा जाएगा। कुछ अन्य चौराहों पर स्मार्ट सिटी के कैमरों से चालान किए जा रहे हैं।

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