गांवों को "स्मार्ट विलेज" बनाने की दिशा में प्रयास करें ग्राम प्रधान

 स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फाॅगिंग कार्यों को युद्ध स्तर पर कराया जाए : मुख्यमंत्री

पहली बार राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने एक साथ नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से सीधा संवाद किया

> यह अच्छी बात है कि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में महिलाएं और युवा भी बड़ी संख्या में शामिल : राज्यपाल  

 > ग्राम प्रधान यह देखें कि सभी बच्चे शिक्षा की सुविधा का लाभ उठाएं : राज्यपाल

> ग्राम प्रधानों को कार्ययोजना बनाने और उनकी प्राथमिकताएं तय करने में सहायक सिद्ध हो ये संवाद : मुख्यमंत्री

> किसी बाहरी व्यक्ति के गावं में आने पर उसका भी अनिवार्य रूप से टेस्ट हो : मुख्यमंत्री

> केन्द्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंचे : मुख्यमंत्री

> ग्राम विकास कार्यों में डिजिटल पहल से ग्राम वासियों को लाभान्वित कराया जाए : मुख्यमंत्री

> ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ग्राम प्रधान कार्य करें : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 मई , 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों से वर्चुअल संवाद के दौरान।

दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ।
 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार 28 मई को वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों के साथ संवाद किया। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी तक पहुंचाने में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्राम प्रधानों ने लोगों का विश्वास जीतकर सफलतापूर्वक विजय हासिल की है। वे सभी कार्ययोजना बनाकर प्राथमिकताएं तय करते हुए गांवों के विकास में सहभागी बनें। यह अच्छी बात है कि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में महिलाएं और युवा भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। योजनाओं का लाभ लाभार्थी तक समय से पहुंचे, यह सुनिश्चित करने में ग्राम प्रधान अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि गरीबी दूर करने और विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचने में शिक्षा महत्वपूर्ण है। ग्राम प्रधान यह भी देखें कि सभी बच्चे शिक्षा की सुविधा का लाभ उठाएं। इस कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और आशा वर्कर का भी यागेदान है। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में गांव से सम्बन्धित डेटा ग्राम प्रधानों के पास उपलब्ध होगा तो गांवों के विकास में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं ग्रामीण स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान कर विकास कार्यों को अंजाम दे रही हैं। उनकी शक्ति का भी उपयोग किया जाना आवश्यक है। ग्राम प्रधानों से संवाद कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम ग्राम प्रधानों को कार्ययोजना बनाने और उनकी प्राथमिकताएं तय करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने सभी नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को बर्धाइ एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना कालखण्ड के इस चुनौतीपूर्ण समय में उन सबने मजबूती के साथ ग्राम वासियों व निगरानी समितियों के साथ मिलकर कोरोना के विरुद्ध सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी है, जिसका परिणाम हम सबके सामने है। विशेषज्ञों की आशंका थी कि कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहद खराब होगी, किन्तु आज उत्तर प्रदेश सुरक्षित स्थिति में है। यह आशंका थी कि 25 अप्रैल, 2021 से 15 मई, 2021 तक प्रतिदिन 01 लाख केस आएंगे, किन्तु आज प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 52,000 है। बीते 24 घंटों में मात्र 2402 सक्रिय मामले आए। पाॅजिटिविटी रेट घटा है, रिकवरी दर बढ़ी है। यह सब टीम भावना का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक साथ नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से इस प्रकार का सीधा संवाद कर रहे हैं। यह लोकतंत्र की मजबूती को प्रदर्शित करता है। उन्होंने ग्राम प्रधानों से अपील की कि वे सभी सावधानी और सतर्कता के साथ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दें। ग्राम प्रधान ग्रामीण विकास के साथ - साथ निगरानी समितियों के अध्यक्ष होने के नाते कोरोना संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। "मेरा गांव, कोरोना मुक्त गावं" के संदेश को हर ग्रामवासी का लक्ष्य बनाने के लिए पे्ररित करें। घर - घर जाकर प्रत्येक  व्यक्ति की स्क्रीनिंग का कार्य किया जाए। लक्षण युक्त मरीज को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाए। स्वच्छता व सैनिटाइजेशन का कार्य भी व्यापक स्तर पर हो। रोजगार सृजन के कार्यांे को भी प्राथमिकता से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण समय में हम सबको जीवन और जीविका दोनों को बचाना है। इस समय जरा सी लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है। कोरोना प्रोटोकाॅल, मास्क और दो गज की दूरी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। कहीं भी भीड़ एकत्रित न हो। लक्षण युक्त मरीज का आर.आर.टी. द्वारा एंटीजन टेस्ट किया जाए। संदिग्ध पाये जाने पर आर.टी. पी.सी.आर. द्वारा टेस्ट सुनिश्चित किया जाए। ऐसे मरीज को आइसोलेशन में रखते हुए उसे सभी आवश्यक सुविधाएं व उपचार सुनिश्चित किया जाएं। किसी बाहरी व्यक्ति के गावं में आने पर उसका भी अनिवार्य रूप से टेस्ट हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बरसात के मौसम के दृष्टिगत गांवों में तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। इस मौसम  में जल जनित व विषाणु जनित बीमारियां प्रमुखता से होती हैं। इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों  के साथ - साथ कोरोना संक्रमण को भी रोकने के लिए पर्याप्त प्रबन्ध प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं। शुद्ध पेय जल की सुविधा उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए धन की कमी नहीं है। राज्य वित्त आयोग, केन्द्रीय वित्त आयोग तथा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पंचायतों के पास पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है। इनका सदुपयोग सुविधाओं को विकसित करने में किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम प्रधान गांवों को "स्मार्ट विलेज" बनाने की दिशा में प्रयास करें। गांवों में विद्यालय हो, खेल का मैदान हो, ओपेन जिम हो, चिकित्सालय हो, सड़क हो,  स्वच्छता हो। पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित किया जाए। काॅमन सर्विस सेण्टर के माध्यम से निःशुल्क टीकाकरण हेतु कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही की जाए। काॅमन सर्विस सेण्टर को ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क टीकाकरण अभियान का केन्द्र बिन्दु बनाया गया है। ग्राम सचिवालय में कम्प्यूटर व इण्टरनेट की व्यवस्था सुनिश्चित रहे। इन सचिवालय में काॅमन सर्विस सेण्टर और बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेन्ट (बी.सी. सखी) के कार्य के लिए भी व्यवस्था की गई है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जागरुकता उत्पन्न करने का कार्य किया जाए। "कैच द रेन" अभियान के तहत वर्षा के जल को अधिक से अधिक संचित करने की भी व्यवस्था करनी है। "खेत का पानी खेत में" तथा "गावं का पानी गावं" में रोकने की व्यवस्था हो। रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, तालाब तथा बंधियों को पुनर्जीवित करने तथा नवनिर्माण का कार्य भी किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत रोजगार प्रभावित हुए हैं। ऐसे में "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" के तहत मई व जून माह में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी जून, जुलाई व अगस्त माह में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि यह खाद्यान्न सभी जरूरतमंदों व पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध हो। केन्द्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंचे। इस सम्बन्ध में भी ग्राम प्रधानों की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायतें कोविड टेस्टिंग तथा निःशुल्क टीकाकरण के सम्बन्ध में प्रभावी भूमिका अदा करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के नवनिर्वाचित 10 ग्राम प्रधानों - सम्पूर्णानन्द (ग्राम पंचायत - बनशा, हरदोई), सुश्री गुड़िया देवी (ग्राम पंचायत-मूंगाडिह, सोनभद्र), डाॅ. दिनेश प्रकाश यादव (ग्राम पंचायत - नगला गारू, मैनपुरी), सुश्री अंशिका गौतम (ग्राम पंचायत - परछाछ, जनपद हमीरपुर), कुर्बान अली (ग्राम पंचायत - जमालपुर मस्त, सहारनपुर), शिव चरण (ग्राम पंचायत -मसानखम्भ, लखीमपुर खीरी), सुश्री स्वप्निल सिंह (ग्राम पंचायत - बरदहाकलाँ, बहराइच), सुश्री सुशीला देवी (ग्राम पंचायत - बहादुरपुर लोकुआ, चन्दौली), संतोष सहरिया (ग्राम पंचायत - धौरी सागर, ललितपुर) तथा परमजीत सिंह (ग्राम पचं ायत-शाहबाजपुर, पीलीभीत) से संवाद किया।मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों से गांवों में कोरोना प्रबन्धन, बचाव एवं उपचार की जानकारी प्राप्त की। ग्राम प्रधानों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विशेष टेस्टिंग अभियान के साथ - साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों से उनके गांवों में कोरोना के मरीज न के बराबर हैं। कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। एक या दो केसों के लक्षणयुक्त पाये जाने पर उनको आइसोलेट कर उपचार सुनिश्चित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियां सक्रिय भूिमका का निर्वहन कर रही हैं। पूरी सतर्कता व सजगता के साथ कोरोना प्रबन्धन, नियत्रं ण व बचाव का कार्य किया जा रहा है। भविष्य में भी इसी सजगता के साथ कोरोना प्रबन्धन कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों से गांवों के विकास के लिए उनकी कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त करते हुए उनके गांवों में उपलब्ध सुविधाओं, शिक्षा व स्वास्थ्य, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, कोविड संक्रमण से बचाव व उपाय, रोजगार सृजन, मनरेगा, मत्स्य पालन, डेयरी, कुक्कुट पालन आदि की सम्भावनाओं, सिंचाई सुविधाओं, खेती - किसानी, स्वयं सहायता समूहों, सड़क सुविधाओं, विकास कार्यों, जल निकासी के प्रबंधों, राशन व पेंशन सेवाओं, सुविधाओं, पंचायत भवनों, ग्राम सचिवालयों, काॅमन सर्विस सेण्टर, शौचालय निर्माण, साफ - सफाई, सैनिटाइजेशन व फाॅगिगं आदि के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की तथा आवश्यक दिशा - निर्देश दिए। ग्रामीण विकास के सम्बन्ध में ग्राम प्रधानों ने सुझाव भी प्रस्तुत किए। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों  से संवाद कार्यक्रम के तहत पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा ग्राम प्रधानों से सीधे संवाद की पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में कम हुआ है, किन्तु इसे और नियंत्रित करने में सभी का यागेदान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय को मूर्त रूप दिए जाने का कार्य तेजी से किया जाए। आधारभूत सुविधाएं विकसित हों। पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं, टीकाकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल तथा सामाजिक - आर्थिक विकास के कार्यों को सम्पादित करने में  ग्राम पंचायतें सशक्त भूमिका का निर्वहन करें। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फाॅगिंग कार्यों  को युद्ध स्तर पर कराया जाए। शासन की विकास योजनाओं को प्रभावी रूप से संचालित करने तथा ग्राम सचिवालय की आधारभूत व्यवस्थाओं को मजबूत करते हुए ग्राम विकास कार्यों में डिजिटल पहल से ग्राम वासियों को लाभान्वित कराया जाए। ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ग्राम प्रधान कार्य करें। वे सभी पंचायतीराज विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यों से जुड़ें। पंचायती राज राज्य मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम.एस.एम.ई. नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक पंचायतीराज विभाग किंजल सिंह, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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