कोरोना काल में भी जारी है किसान हित के काज : योगी

 


दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानो का परम हितैषी बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार चौधरी साहब के विचारों को आत्मसात करते हुये किसान हित के कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर रही है। श्री योगी ने शनिवार को चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर यहां विधान भवन परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के परम हितैषी थे। उनका मूल्य और सिद्धांत था कि देश की सत्ता का रास्ता खेत और खलिहान से हो कर जाता है। वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार उनके इन्हीं विचारों को ध्यान में रखते हुए खेत और खलिहानों की रक्षा एवं संरक्षण देने के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। मौजूदा केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसान कल्याण के लिये किए जाने वाले सभी कार्यक्रम चौधरी साहब के किसान हितों के उन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की परंपरा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौधरी चरण सिंह ने प्रदेश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया था। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना काल में भी प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कार्य कर रही है। कृषकों को कोई समस्या न होने पाए, खेती-बाड़ी अनवरत रूप से जारी रहे, इसलिए खेती के कार्य के लिए किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। राज्य सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हितों के प्रति समर्पित अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को सिद्ध करते हुए डीएपी खाद के लिए सब्सिडी को 1200 रुपए कर दिया, जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले सात वर्षों एवं प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों के लिए वर्तमान केंद्र सरकार ने आजादी के बाद जितने उत्तम निर्णय लिए, उतने आज तक किसी अन्य सरकार ने नहीं लिए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसानों की लागत का समर्थन मूल्य का डेढ़ गुना देने की गारंटी या किसानों को देश के अंदर अपनी उपज को बिना किसी बाधा के कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि द्वारा प्रत्येक किसान को 6000 रुपए सालाना प्रदान करना आदि इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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