21 जिलों में संक्रमण का नहीं आया कोई भी मामला

 52 जिलों में पाए गए नए केस की संख्या इकाई अंकों में
सक्रिय मामले कम होने पर भी टेस्टिंग घटाई नहीं जा रही है : नवनीत सहगल

> अब तक मेडिकल कालेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5869 हो गई : ए.सी.एस. सूचना

> जीनोम सिक्वेंसिंग के नतीजे, डेल्टा वेरिएंट की आशंका के दृष्टिगत बचाव के लिए जरूरी प्रयास करने में उपयोगी होंगे : ए.सी.एस. सूचना

दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के 3टी ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट अभियान के साथ - साथ आशिंक कोरोना कर्फ्यू तथा टीकाकरण अभियान से प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामले में कमी आई है। प्रदेश में संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु रात्रिकालीन कर्फ्यू तथा साप्ताहिक बंदी जारी है। आंशिक कोरोना कर्फ्यू के समय से प्रदेश में जीवन और जीविका बचाने के उद्देश्य से औद्योगिक, आर्थिक गतिविधियां, चीनी मिलें आरै गेहूँ खरीद चालू रही। मुख्यमंत्री जी की 3टी फार्मूले के कारण प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण नियंत्रण में आ रहा है, जबकि अन्य प्रदेशों में कोविड के केस ज्यादा आ रहे हैं। ए.सी.एस. सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटों में 02 लाख 66 हजार टेस्ट किए गए, सक्रिय मामले कम होने पर भी टेस्टिंग घटाई नहीं जा रही है। संक्रमण दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुकी है, जबकि रिकवरी दर 98.5 प्रतिशत है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3,197 रह गए हैं। बीते 24 घंटे में मात्र 173 नए पॉजिटिव केस आये। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 68 लाख 07 हजार 529 कोविड टेस्ट हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 98 लाख 76 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 21 जिलों में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया। जबकि 52 जिलों में पाए गए नए केस की संख्या इकाई अंकों में है। ए.सी.एस. सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि कोविड वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। जीनोम सिक्वेंसिंग के नतीजे, डेल्टा वेरिएंट की आशंका के दृष्टिगत बचाव के लिए जरूरी प्रयास करने में उपयोगी होंगे। कोविड की संभावित तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं। अब तक मेडिकल कालेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5869 हो गई है। विगत दिवस सहारनपुर में 50 पीकू बेड की बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू / नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। सभी जिलों में पीकू / नीकू के कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है। ए.सी.एस. सूचना ने बताया कि कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत अस्पतालों में उपकरणों की कमी न हो, इसके लिए निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद कर बाइपेप मशीन, पीडियाट्रिक आई.सी.यू., मोबाइल एक्स-रे मशीन सहित सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। डाॅक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के पहले चरण प्रशिक्षण कार्य पूरा हो चुका है। इनके माध्यम से अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पीडियाट्रिक विशेषज्ञ, नर्सिंग स्टाफ अथवा तकनीशियनों की जरूरत, जिलावार स्थिति का आकलन करते हुए पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था करायी जा रही है।

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