राजकीय कर्मी की मृत्यु की स्थिति में नियमानुसार परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में सेवायोजित किया जाए : मुख्यमंत्री

दिवंगत किसी भी राजकीय कर्मी की देय धनराशि बकाया ना रहे, कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहना चाहिए


> बच्चों में वायरल बुखार के उपचार हेतु मेडिसिन किट तैयार कर शीघ्र वितरण हेतु निगरानी समितियों को उपलब्ध कराई जाए : मुख्यमंत्री

> ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता रहे, साथ ही, इस संक्रमण के उपचार हेतु वैकल्पिक दवाएं भी सुलभ कराई जाएं : मुख्यमंत्री

> दवा वितरण के लिए दवा के ए.टी.एम. जैसी व्यवस्थाओं को अपनाया जाना चाहिए : मुख्यमंत्री

> वैक्सीनेशन सेण्टर पर किसी भी दशा में भीड़ - भाड़ नहीं होनी चाहिए तथा कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन होना चाहिए : मुख्यमंत्री

> आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए : मुख्यमंत्री

> मुख्यमंत्री ने तकनीक के प्रयोग से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में टेलीमेडिसिन एवं टेलीकंसल्टेशन पर बल दिया।

> मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण तेजी से कराने पर बल दिया।

ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाओं के आयोजन के सम्बन्ध में व्यवस्था विकसित की जानी चाहिए
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षाओं के ऑनलाइन आयोजन के प्रयास किए जाएं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 04 जून, 2021 को वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए।

दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति से प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आयी है। कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में लगातार कमी तथा रिकवरी दर में निरन्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोरोना से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार 4 जून को वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 1,175 नए मामले आए हैं। इसी अवधि में 3,646 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 22,877 हो गयी है। इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,87,906 मामलों की कमी आयी है। मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 3,18,714 कोविड टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 07 लाख 23 हजार 809 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। 05 करोड़ से अधिक टेस्ट करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यह दर बढ़कर 97.4 प्रतिशत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। प्रदेश वासियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए निगरानी समितियों द्वारा प्रत्येक लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जा रही है। इस कार्य को सुव्यवस्थित, बेहतर और प्रभावी ढंग से कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि निगरानी समितियों के पास पर्याप्त संख्या में मेडिसिन किट उपलब्ध रहें। सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध हो जाए। बच्चों में वायरल बुखार आदि के उपचार हेतु मेडिसिन किट तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए थे। मेडिसिन किट को शीघ्र वितरण हेतु निगरानी समितियों को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार हेतु दवा सुचारु रूप से उपलब्ध रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता रहे। साथ ही, इस संक्रमण के उपचार हेतु वैकल्पिक दवाएं भी सुलभ कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों को देखते हुए सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य बेहतर प्लानिंग के साथ समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए। इस कार्य की नियमित समीक्षा भी की जाए। प्रत्येक सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर चिकित्सक, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ, दवा, जरूरी जाँच सुविधाएं उपलब्ध हों। स्वास्थ्य केन्द्र पर स्वच्छता हो, केन्द्र तक पहुंचने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी हो। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में तकनीक के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन एवं टेलीकंसल्टेशन को बढ़ावा देते हुए इसकी सुचारू व्यवस्था बनाई जाए। दवा वितरण के लिए दवा के ए.टी.एम. जैसी व्यवस्थाओं को अपनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि के साथ पीडियाट्रिक आई.सी.यू. (पीकू) तथा नियोनेटल आई.सी.यू. (नीकू) की स्थापना की कार्यवाही समयबद्ध ढंग से की जाए। इंसेफेलाइटिस से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में इस रोग की रोकथाम के लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली जाए। इसके लिए सम्बन्धित कार्मिकों का प्रशिक्षण कार्य भी पूर्ण करा लिया जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पीकू एवं नीकू की स्थापना की समय - सीमा निर्धारित कर कार्यवाही की जा रही है। इस कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा भी की जा रही है। कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 54 बेड की वृद्धि हुई है। इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा, आई.सी.यू. बेड भी सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए कार्य की गति को तेज किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध कोरोना वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है। इसके दृष्टिगत कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही को निर्बाध और प्रभावी ढंग से संचालित किए जाने के साथ ही, इसकी गति बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएं। माह जुलाई, 2021 तक प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज एडमिनिस्टर किए जाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाए। इसके लिए स्थान की व्यवस्था करने के साथ ही, वैक्सीनेशन का कार्य करने वाले कर्मियों का प्रशिक्षण भी करा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वैक्सीनेशन केन्द्रों पर वैक्सीनेशन का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराया जाए। वैक्सीनेशन सेण्टर पर किसी भी दशा में भीड़ - भाड़ नहीं होनी चाहिए तथा कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन होना चाहिए। टीकाकरण केन्द्र पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जर्वेशन एरिया की व्यवस्था अवश्य हो। उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेण्टर पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है। कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए। इस सम्बन्ध में वैक्सीनेशन कार्य से जुड़े कर्मियों का प्रशिक्षण भी होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी के बावजूद संक्रमण को नियंत्रित रखने के लिए पूरी सावधानी एवं सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके दृष्टिगत आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए। पुलिस द्वारा व्यापक रूप से पेट्रोलिंग की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को आंशिक कोरोना कर्फ्यू के पालन के लिए जागरुक किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थल पर भीड़ एकत्र न हो। घर से बाहर निकलने पर मास्क एवं दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन हो। इस कार्य में शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन 65 जनपदों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गयी है, वहां भी छूट की अवधि में बाजारों, सब्जी - फल मण्डी आदि सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ एकत्र न होने दी जाए। पेट्रोलिंग के साथ ही, पुलिस द्वारा व्यापक रूप से बाजारों एवं मण्डियों आदि में फुट पेट्रोलिंग की जाए। भीड़ - भाड़ की सम्भावना वाले महत्वपूर्ण स्थलों यथा, चैराहों आदि स्थलों पर पुलिस की उपस्थिति रहे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम तथा पी.आर.वी. वाहनों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में लगातार जागरुक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय कर्मी की कोरोना अथवा अन्य कारणों से मृत्यु की स्थिति में नियमानुसार परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में सेवायोजित किया जाए। ऐसे किसी भी राजकीय कर्मी की देय धनराशि बकाया ना रहे। दिवंगत कर्मी से सम्बन्धित सभी प्रकरणों का समय - सीमा में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। यह कार्यवाही कोरोना सहित सभी संक्रामक बीमारियों यथा, इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया आदि की रोकथाम में भी सहायक है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कल 3 जून, 2021 से राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत माह जून के लिए निःशुल्क खाद्यान्न का वितरण प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हैं। औद्योगिक इकाइयों में 1,13,900 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित हैं। 50 से अधिक कर्मियों वाली औद्योगिक इकाइयों में 2,622 कोविड केयर सेण्टर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाओं के आयोजन के सम्बन्ध में व्यवस्था विकसित की जानी चाहिए। प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षाओं के ऑनलाइन आयोजन के प्रयास किए जाएं।

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