जनपद की सीमान्तर्गत प्रवाहित नदियों में मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही पर 31 अगस्त तक प्रतिबन्ध


दैनिक कानपुर उजाला

उन्नाव। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने समस्त उपजिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए अवगत कराया है कि वर्षा ऋतु में भारतीय मेजर कार्प मछलियां कतला, रोहू व नैन तथा विदेशी, ग्रास, कार्प, सिल्वर कार्प व कामन कार्य मछलियां प्रजनन करती हैं। इन मछलियों के संवर्धन व संरक्षण हेतु मत्स्य अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अंतर्गत शासकीय विज्ञप्ति दिनांक 19.09.1954 द्वारा प्रख्यापित उ. प्र. मत्स्य (विकास एवं नियंत्रण) नियमावली 1954 द्वारा नदियों में दिनांक 15 जुलाई से 30 सितम्बर की अवधि में फ्राई एवं फिंगरलिंग मत्स्य बीज को पकड़ने, नष्ट करने अथवा बेचने तथा दिनांक 15 जून से 30 जुलाई तक मत्स्य प्रजनन अवधि में मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबन्ध लगाने एवं राजस्व विभाग द्वारा नदियों में मत्स्य आखेट हेतु पट्टा / ठेका का अधिकार दिये जाने सम्बन्धी जारी शासनादेश दिनांक 10.01.2019 के प्रस्तर - घ में भी 1 जून से 31 अगस्त तक नदियों में मत्स्य आखेट को प्रतिबंधित रख इस प्रावधान शामिल किये गये हैं। इस प्राविधानों के आलोक में निर्दिष्ट अवधि में जनपद उन्नाव की सीमान्तर्गत प्रवाहित होने वाली नदियों में मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में नदियों से मछली एवं मत्स्य बीज की शिकारमाही की चेकिंग हेतु राजस्व विभाग / पुलिस विभाग / मत्स्य विभाग की टीम (निरीक्षक स्तर से नीचे नहीं) को अधिकृत किया गया है निर्दिष्ट अवधि में जो भी व्यक्ति नदियों में मत्स्य बीज एवं मछली का अवैधानिक शिकार / बिक्री करते हुए पकड़ा जायेगा उसके विरुद्ध नियमानुसार फिशरीज एक्ट 1948 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा।

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