मोरंग माफिया ने पत्रकारों से की अभद्रता व जान से मारने की दी धमकी

 

दैनिक कानपुर उजाला

घाटमपुर।सजेती थाना क्षेत्र में वर्षों से अपना साम्राज्य फैलाए मोरंग माफिया अब आम आदमी के साथ ही साथ पत्रकारों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। ज्ञात हो गैर प्रांतों के भी मोरंग माफिया हमीरपुर सीमा से लगे सजेती थाना क्षेत्र में करोड़ों रुपए की मौरंग डम्प कर अरबों खरबों का खेल, खेल रहे हैं। रविवार अपराहन मोरंग डम्प स्थल के पास से गुजर रहे पत्रकारों के साथ हथियारबंद मोरंग माफिया ने अभद्रता करते हुए गाली गलौज की। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सजेती क्षेत्र के ग्राम सरगांव निवासी अंकित कुमार व बीबीपुर गांव निवासी शैलेंद्र सिंह ने पत्रकार एसोसिएशन घाटमपुर अध्यक्ष सिराजी व अन्य साथियों के साथ सोमवार अपराहन उप जिलाधिकारी से मुलाकात कर शिकायत की कि रविवार अपराहन वह न्यूज़ कवरेज के दौरान ग्राम बीबीपुर स्थित मोरंग डम्प स्थल के पास से गुजर रहा था। जहां मौजूद सौरभ पुरोहित ने अपने पांच असलहा धारी साथियों के साथ मेरी व साथी पत्रकार अंकित कुमार के साथ अभद्रता करते हुए मैक आईडी छीन ली।और गाली गलौज करने लगे। पीड़ित दोनों पत्रकारों ने बताया की हमलावर मौरंग माफियाओं ने दोबारा मोरंग डंप स्थल के आसपास दिखने पर जान से मार कर मौरंग के नीचे दबाने की धमकी दी है। मोरंग माफिया करोड़ों रुपए की मोरंग सजेती थाना क्षेत्र में डंप करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मोरंग माफिया दबंगई एवं शासन प्रशासन में पहुंच व दबंगई के जरिए किसानों के खेत ऊंचे दामों में किराए पर ले लेते हैं।और उसमें सैकड़ों हजारों ट्रक मोरम डम्प करते हैं। तमाम बार शिकायत के बावजूद ऊंची पहुंच के चलते कोई इनका कुछ बिगाड़ नहीं पाता है। वही मौरंग माफिया विरोध करने वाले ग्रामीणों व अन्य समाजसेवियों को जमकर मारते पीटते हैं। मौरंग के भंडारण के चलते कृषि योग्य जमीने भी बंजर हो रही है। किसान कृषि उपज से ज्यादा आय के लालच में अपनी कृषि योग खेत किराए पर मोरंग माफियाओं के हवाले कर देते हैं। जिससे खेत कृषि के लिए आयोग्य होते जा रहे हैं। लेकिन मौरंग के काले धंधे से करोड़ों रुपया कमाने वाले मौरंग माफिया किसानों को डरा धमकाकर व उपज से कई गुना ज्यादा धन का लालच देकर उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। वर्षों से चल रहे, इस खेल का कभी भी पर्दाफाश नहीं हुआ। जबकि जानते सभी है। मोरंग माफिया प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक अपनी पहुंच रखते हैं। जिससे तहसील स्तरीय व जिला स्तरीय अधिकारी हमेशा अपने आपको असहाय पाते हैं। अगर समय रहते मोरंग माफियाओं के काले कारनामों को रोका नहीं गया। तो आने वाले समय में इस क्षेत्र की कृषि योग्य जमीनें बंजर हो जाएंगी। और किसान दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे। फिलहाल उप जिलाधिकारी घाटमपुर द्वारा पीड़ित पत्रकार के प्रार्थना पत्र को सजेती थाना अध्यक्ष के पास भेजकर जांच के बाद कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन देखते हैं आगे होता क्या है??

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