गाइडलाइन्स के पालन के साथ सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, स्टेडियम के संचालन की अनुमति

 > विभिन्न पी.एच.सी., सी.एच.सी. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्थ ए.टी.एम.की स्थापना के सम्बन्ध मे विस्तृत कार्य योजना तैयार कर टेक्निशियन्स को प्रशिक्षित किया जाए : मुख्यमंत्री


> नगरीय क्षेत्रों में निर्मित सामुदायिक शौचालयों का संचालन का कार्य स्थानीय महिलाओं को ही सौंपा जाए : मुख्यमंत्री

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की निर्माण प्रक्रिया लगभग पूर्ण
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारों पर विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों यथा आई.टी., फार्मा, फूड प्राॅसेसिंग आदि के क्लस्टर्स के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए।

दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी सोमवार 5 जुलाई से प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट के अन्तर्गत सिनेमाहाॅल, मल्टीप्लेक्स, जिम, स्टेडियम के संचालन की अनुमति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं की गतिविधियों के संचालन की अनुमति सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड गाइडलाइन्स का पालन करने की शर्त के साथ दी जाए। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार 2 जुलाई को लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण प्रभावी रूप से नियंत्रित है। संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या निरन्तर कम हो रही है। साथ ही, कोविड संक्रमण के नए मामले भी प्रतिदिन कम हो रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन करते हुए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जानी चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टे में प्रदेश में 2 लाख 70 हजार 723 कोविड टेस्ट किए गए। प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 83 लाख 82 हजार 501 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। पिछले 24 घण्टे के दौरान संक्रमण के 133 नए मामले आए, जबकि 228 मरीज उपचारित होकर स्वस्थ हुए। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 2,560 है। मुख्यमंत्री ने "ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट" नीति को पूरी सक्रियता से जारी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि यह नीति कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण में अत्यन्त कारगर सिद्ध हुई है। इसकी मदद से कोविड के संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि निगरानी समितियों द्वारा लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग एवं मेडिसिन किट वितरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। बच्चों हेतु तैयार करायी गई मेडिसिन किट का वितरण भी कराया जा रहा है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से संचालित किया जा रहा है। विगत दिवस कोविड उपचार के लिए बेड की संख्या में 40 की वृद्धि हुई है। इसमें आइसोलेशन एवं आई.सी.यू. दोनों प्रकार के बेड सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के व्यापक प्रयोग से प्रदेश वासियों तक विभिन्न आवश्यक सुविधाओं की पहुंच बढ़ायी जा सकती है। इसके दृष्टिगत राज्य में हेल्थ ए.टी.एम. की स्थापना को प्रोत्साहित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न पी.एच.सी., सी.एच.सी. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्थ ए.टी.एम.की स्थापना स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगी। इस सम्बन्ध मे विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन अत्याधुनिक मशीनों के सुचारु एवं व्यवस्थित संचालन के लिए टेक्निशियन्स को प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही को और तेज किया जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरी गति से कराया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का अधिकतर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही इस पर वाहनों का संचालन प्रारम्भ किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला जुलाई, 2018 में रखी गई थी। कोरोना कालखण्ड में विभिन्न गतिविधियों के प्रभावित होने के बावजूद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की निर्माण प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारों पर विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों यथा आई.टी., फार्मा, फूड प्राॅसेसिंग आदि के क्लस्टर्स के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए। इन क्लस्टर्स के विकास के लिए भूमि की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीण इलाकों में लोगों को अपने घरों का स्वामित्व दिलाने में उपयोगी भूमिका निभा रही है। उन्होंने योजना की समीक्षा करते हुए इसके तहत की जाने वाली कार्यवाहियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निर्मित सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी स्थानीय महिलाओं को दी गई है। नगरीय क्षेत्रों में निर्मित सामुदायिक शौचालयों का संचालन का कार्य स्थानीय महिलाओं को ही सौंपा जाए।

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