मजदूरी न मिलने पर कामगारों ने की बगावत

दैनिक कानपुर उजाला

घाटमपुर।नेयवेली पावर प्लांट में मजदूरों के बुरे हाल है।कई माह से मजदूरी न मिलने से खाने पीने के लाले पड़ गये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र स्थित नेयवेली पावर प्लांट में बाहरी प्रदेशो से मजदूरों को बुलाया गया है। मजदूरों का आरोप है कि बिना नोटिस बिना हिसाब किये उन्हे प्लांट से भगाया जा रहा है।हिसाब मांगने पर मजदूरों के साथ   मारपीट की जाती हैं। मजदूरों का कहना है कि सालों से हम लोग काम कर रहे है।लेकिन हमारा  पीएफ नही कट रहा है। ज्ञात हो घाटमपुर में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित 1980 मेगावाट पावर प्लांट में उत्पादन अभी शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन मजदूरों के साथ उत्पीड़न एवं ठेकेदारी का दंश पहले ही दिखने लगा है। आज पावर प्लांट में काम कर रहे "सीडीएन" , "जीई पावर" के कई सैकड़ा मजदूरों ने काम बंद कर "स्ट्राइक" की घोषणा कर दी। मजदूरों का आरोप है कि उन्हें कई माह का वेतन नहीं मिला है। वहीं अवशेष वेतन की मांग करने पर साइट इंचार्ज द्वारा उन्हें गाली गलौज एवं जान से मारने की धमकी दी जाती है। कई माह से वेतन न मिलने से मजदूरों के सामने रोजी - रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सिर्फ इतना ही नहीं पेट्टी ठेकेदारों के कारिंदों ने मजदूरों के गेटपास भी जमा करा रखे हैं।जिस कारण मजदूर नेयवेली के अधिकारियों से संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। अपने साथ हो रहे शोषण और उत्पीड़न की कहानी बयान करते हुए मजदूरों ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित हाइट अलाउंस व अन्य भत्ते देने के बजाय साइट इंचार्ज "गोविंद राज" उनके साथ अभद्रता कर रहा है।  मजदूरों के घायल होने पर किसी प्रकार का इलाज न कराने का आरोप भी लग रहा है। जबकि पावर प्लांट मुफ्त में इलाज कराने का दावा करता है। वहीं स्थानीय पुलिस भी मजदूरों के बजाय ठेकेदारों का साथ देती है।

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